55 GST Council – 55वीं जीएसटी परिषद बैठक क्या सस्ता Cheaper क्या महंगा Costly जीएसटी परिषद बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय: 55वीं जीएसटी परिषद बैठक
में अर्थमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में विमा उत्पादों पर कर दर को घटाने, ऐप-आधारित प्लेटफार्मों के जरिए खाद्य वितरण पर कर लगाने के प्रस्ताव को टालने, और पॉपकॉर्न पर विभिन्न फ्लेवर के हिसाब से कर लगाने के बारे में चर्चा की गई। आइए जानते हैं कि इस बैठक में कौन से निर्णय लिए गए और किसे क्या सस्ता या महंगा किया गया।
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1. यूज्ड वाहन पर जीएसटी दर में वृद्धि
बैठक में एक अहम निर्णय लिया गया कि यूज्ड कारों पर जीएसटी दर बढ़ाकर 18% कर दी गई। हालांकि, इसका असर केवल कंपनियों पर पड़ेगा, क्योंकि यह बढ़ी हुई दर केवल उन कारों पर लागू होगी, जो व्यवसायिक उपयोग के लिए खरीदी-बेची जाती हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं। सामान्य नागरिकों के लिए यदि वे पुराने वाहन खरीदते या बेचते हैं, तो उस पर जीएसटी दर 12% ही रहेगा।
2. विमा और ऑनलाइन खाद्य वितरण पर कर दरों में बदलाव टला
बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दर घटाने का प्रस्ताव टाल दिया गया, साथ ही ऑनलाइन खाद्य वितरण (जैसे Zomato, Swiggy) पर जीएसटी दर कम करने का प्रस्ताव भी स्थगित कर दिया गया। इसका मतलब यह है कि वर्तमान में इन पर जो कर दरें लागू हैं, वे जारी रहेंगी।
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3. पॉपकॉर्न पर फ्लेवर अनुसार जीएसटी
पॉपकॉर्न पर कर दरों में बदलाव के बारे में भी बैठक में स्पष्टता दी गई। कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18% जीएसटी लागू रहेगा। वहीं, प्री-पैक्ड और मसालेदार पॉपकॉर्न पर 12% जीएसटी लगेगा, और अनपैक्ड तथा बिना लेबल वाले पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगेगा।
4. ईवी वाहनों पर जीएसटी में संशोधन
बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नई इलेक्ट्रिक कारों पर 5% जीएसटी रहेगा, जबकि पुरानी इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी नहीं लगेगा, जब इन्हें व्यक्तिगत स्तर पर बेचा जाएगा। हालांकि, अगर कोई कंपनी पुरानी ईवी, पेट्रोल या डीजल वाहनों की बिक्री करती है, तो उन पर 18% जीएसटी बढ़ा दिया गया है। इसका उद्देश्य कंपनियों द्वारा पुरानी वाहनों की बिक्री से होने वाली आय पर अधिक कर लगाया जाना है।
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5. पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) पर जीएसटी में कमी
बैठक में यह भी तय किया गया कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत वितरित होने वाले चावल के आटे पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया। यह कदम गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए राहत देने वाला साबित होगा, क्योंकि इससे खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
6. कर्ज़ पर दंडात्मक शुल्क पर जीएसटी का मुद्दा
बैठक में यह भी साफ किया गया कि बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों द्वारा कर्ज की शर्तें पूरी न करने पर जो दंडात्मक शुल्क लिया जाता है, उस पर अब जीएसटी लागू नहीं होगा। इससे बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को राहत मिलेगी और कर्जदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
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7. विमा प्रीमियम पर कर दर में कटौती नहीं हो पाई
हालांकि, विमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी करने का प्रस्ताव भी चर्चा में था, लेकिन यह फैसला अभी के लिए टाल दिया गया। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा था, क्योंकि इससे लोगों को स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कम कर देने की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल यह लागू नहीं किया जा सका।
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अब अगर हम यह देखें कि इन सभी फैसलों के बाद किसे सस्ता और किसे महंगा किया गया, तो:
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यूज्ड कारों पर जीएसटी दर में वृद्धि का मतलब है कि कंपनियों के लिए यह महंगा होगा, लेकिन व्यक्तिगत खरीदारी पर जीएसटी कम ही रहेगा।
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पॉपकॉर्न पर विभिन्न फ्लेवर के हिसाब से कर दरें तय की गई हैं, जिससे साधारण पॉपकॉर्न सस्ता हो सकता है, जबकि कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न महंगा हो जाएगा।
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नई इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी में कमी से नई इलेक्ट्रिक कारों का क्रय महंगा नहीं होगा, जबकि पुरानी ईवी कारों पर कर बढ़ने से कंपनियों को अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ेगा।
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पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत वितरित होने वाले चावल के आटे पर जीएसटी में कमी से साधारण जनता को लाभ होगा।